Buzz24 Times | शादिपुर गाँव, अरवल, बिहार | 15 अप्रैल 2025: बिहार के अरवल जिले से सोमवार को एक बेहद दुखद खबर आई है। शादिपुर गाँव में खेत में काम करते समय आकाशीय बिजली (Bihar Lightning Tragedy Arwal) की चपेट में आने से एक ही परिवार के तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब वे गेहूं की फसल समेट रहे थे और अचानक मौसम बिगड़ गया।
Bihar Lightning Tragedy Arwal: इस हादसे में अवधेश यादव (48 वर्ष), उनकी पत्नी राधिका देवी (45 वर्ष), और उनकी बेटी रिंकू कुमारी (18 वर्ष) ने अपनी जान गंवा दी। इस घटना ने न केवल परिवार को तबाह कर दिया है, बल्कि पूरे गाँव में शोक का माहौल है।
हादसा कैसे हुआ: मौसम का कहर और एक जानलेवा गलती
मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को जब अवधेश यादव का परिवार खेत में काम कर रहा था, तभी अचानक तेज हवाओं के साथ बारिश, ओले और बिजली कड़कना शुरू हो गया।
तेज बारिश और बिजली से बचने के लिए, परिवार ने पास में ही रखे भूसे (पुआल) के ढेर के नीचे शरण ले ली। अक्सर लोग ऐसा अस्थायी बचाव के लिए करते हैं, लेकिन यह कदम दुर्भाग्यवश घातक साबित हुआ। आकाशीय बिजली सीधे उसी भूसे के ढेर पर गिरी, जिससे उसमें तुरंत आग लग गई। बिजली गिरने और आग लगने की वजह से तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि खराब मौसम में खुले स्थानों और अस्थायी शेल्टर (जैसे भूसे का ढेर) में शरण लेना कितना खतरनाक हो सकता है।
प्रशासन की कार्रवाई और सरकारी मदद
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय वंशी थाना पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई करते हुए शवों को पोस्टमार्टम के लिए अरवल सदर अस्पताल भेज दिया है। मामले की आगे जांच की जा रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने इस हृदय विदारक घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए प्रत्येक मृतक के आश्रितों के लिए ₹4 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। यह राशि आपदा प्रबंधन विभाग के नियमों के तहत जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी।
क्यों है वज्रपात इतना खतरनाक और कैसे बचें? (आपके लिए महत्वपूर्ण जानकारी)
बिहार में, खासकर मानसून से पहले और मानसून के दौरान, वज्रपात एक बड़ा खतरा बन जाता है, जिससे हर साल कई जानें जाती हैं। यह जानना बहुत ज़रूरी है कि इससे कैसे बचा जाए।
वज्रपात के समय क्या करें और क्या न करें:
- तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं: जैसे ही बिजली कड़कने लगे या मौसम बिगड़े, तुरंत किसी पक्के मकान या इमारत के अंदर चले जाएं। यह सबसे सुरक्षित उपाय है।
- खुले में रहने से बचें: खेतों, मैदानों, पार्कों या किसी भी खुले स्थान पर न रहें।
- पेड़ों के नीचे कभी न छुपें: ऊंचे पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, उनके नीचे खड़ा होना जानलेवा हो सकता है।
- पानी से दूर रहें: तालाब, नदी, या किसी भी जल स्रोत के पास न जाएं, क्योंकि पानी बिजली का सुचालक होता है।
- धातु की वस्तुओं से दूरी बनाएं: बिजली के खंभों, टॉवरों, धातु की बाड़ या किसी भी धातु की वस्तु से दूर रहें।
- भूसे के ढेर या कच्चे शेड असुरक्षित: जैसा इस घटना में हुआ, भूसे के ढेर या कमजोर संरचनाएं सुरक्षा नहीं देतीं।
- घर के अंदर भी सावधानी: यदि आप घर के अंदर हैं, तो तार वाले फोन, बिजली के उपकरणों और बहते पानी (नहाना, बर्तन धोना) का उपयोग करने से बचें।
- समूह में न रहें: यदि आप खुले में फंस गए हैं और कोई सुरक्षित स्थान नहीं है, तो समूह में इकट्ठा होने के बजाय फैल जाएं और नीचे झुककर बैठ जाएं।
- मौसम की चेतावनी पर ध्यान दें: मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों को गंभीरता से लें और यात्रा या बाहर निकलने की योजना उसी के अनुसार बनाएं।
आपकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। कृपया इन उपायों को ध्यान में रखें और खराब मौसम के दौरान अत्यधिक सतर्क रहें।
यह जानकारी Buzz24 Times द्वारा स्थानीय रिपोर्टों, प्रशासनिक बयानों और आपदा प्रबंधन दिशानिर्देशों के आधार पर संकलित की गई है। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय प्रशासन या आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से संपर्क करें।